है मेरी यही प्रार्थना , करता रहूं आराधना
है शंखेश्वर पारस नाथ , रखदो प्रभु मेरे सिर पर हाथ हर जन्म मुझे देना साथ,
तर्ज – आणि शुद्ध मन आस्था ….
है वीतरागी करुणाकर मांगु बस में इतना वर
करो कृपा की अब बरसात रखदो प्रभु मेरे सिर पे हाथ
हर जन्म मुझे देना साथ
सुबह शाम तेरा ध्यान धरु
दीन दुखी की सेवा करू
यही अरज है दीनानाथ
रखदो प्रभु मेरे सिर पे हाथ
हर जन्म मुझे देना साथ
जब तक है मेरा जीवन
करता रहु तेरा सुमिरन
भगवन दो ऐसी सौगात
रखदो प्रभु मेरे सिर पे हाथ
हर जन्म मुझे देना साथ
सिंगर – अतुल नवलखा
लीरिक्स दिलीप दिलबर